छबड़ा विधायक व पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार से पेट्रोल डीजल की कीमत कम करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तुलना की जाएं तो राजस्थान प्रदेश में पेट्रोल-डीजल के भाव अधिक है। राजस्थान में सबसे महंगा पेट्रोल होने की वजह यह है कि यहां सबसे ज्यादा टैक्स है और रोड़ सेस भी देना पड़ता है। पेट्रोल व डीजल की कीमतों में हो रहे बदलाव के चलते जयपुर में पेट्रोल के दाम 108.57 रुपये और डीजल के दाम 93.80 रुपये प्रति लीटर है, जिससें राज्य के टैक्स भी शामिल है। केन्द्र सरकार ने एक्साइज डयूटी घटाई है, लेकिन फिर भी सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल राजधानी जयपुर में मिल रहा है इसका कारण यह है कि यहां दोनों पट्रो उत्पादों पर राज्य सरकार के भारी-भरकम वैट के बोझ तले दबे हुए है। अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान में अब भी पेट्रोल और डीजल महंगा मिल रहा है। वर्तमान में राजस्थान में करीब पेट्रोल पर 31.4 प्रतिशत और डीजल पर 19.30 प्रतिशत की दर से वैट वसूला जा रहा है। केन्द्र सरकार ने पट्रोल पर आठ रुपये और डीजल पर छः रुपये कम किए किन्तु प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पैट्रोल डीजल के भाव कम नहीं किए है। सरकार द्वारा पेट्रोल डीजल पर अधिक टैक्स वसूला जा रहा है। अगर सरकार को टैक्स लगाना है तो तम्बाकू, गुटखा, सिगरेट, बीड़ी, शराब जैसे उत्पादों पर टैक्स लगाना चाहिए। तम्बाकू, गुटखा, सिगरेट, बीड़ी जैसे उत्पादों के प्रचार-प्रसार हेतु विज्ञापन के द्वारा खूब कमाई होती है इन पर सरकार को टैक्स लगाना चाहिए और पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम करना चाहिए, जिससे प्रदेश की आम जनता को राहत मिल सकें। वर्तमान में किसानों को रबी फसल की बुवाई करनी है, खेती करने में किसानों को पेट्रोल डीजल की आवश्यकता पड़ती है। किसान पहले से ही कोरोना महामारी, अतिवृष्टि की मार से उभर नहीं पा रहे है। किसानों की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर हो गई है। ऐसे समय में सरकार को पेट्रोल डीजल के भाव कम करके प्रदेशवासियों को राहत देनी चाहिए।