सीकर, 18 अक्टूबर। खून की कमी से होने वाली बीमारियों व शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में चिकित्सा विभाग की ओर से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। बच्चे, किशोर किशोरियां, गर्भवती व धात्री महिलाएं स्वस्थ रहे और उनके शरीर में खून की कमी नहीं हो। इसके लिए चिकित्सा विभाग की ओर से मंगलवार को शक्ति दिवस मनाया गया। जिले अनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान सभी चिकित्सा संस्थानों, आंगनबाड़ी केंद्रों व शिक्षण संस्थाओं पर बच्चों, किशोर किशोरियों, गर्भवती व धात्री महिलाओं की स्वास्थ्य कर्मियों ने स्क्रीनिंग कर खून जांच की। शरीर में खून की कमी नहीं हो, इसके लिए आयरन फोलिक एसिड की गोली तथा बच्चों को सिरप पिलाई। जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों ने संस्थानों का निरीक्षण कर आमजन को दी गई सेवाओं व सुविधाओं का जायजा लिया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ निर्मल सिंह ने बताया कि प्रत्येक मंगलवार को जिले के आंगनबाडी केंद्रों, राजकीय विद्यालयों, उप स्वास्थ्य केंद्रों, सीएचसी, पीएचसी, उप जिला अस्पताल, जिला अस्पताल, शिक्षण संस्थाओं में शक्ति दिवस मनाया जाता है।
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ हर्षल चौधरी ने बताया कि शक्ति दिवस के दिन 6 माह से 59 माह तक के बच्चों, पांच से नौ वर्ष तक के विद्यालय नहीं जाने वाले बच्चों, 10 से 19 साल तक की विद्यालय नहीं जाने वाली सभी किशोरी बालिकाओं तथा 20 से 24 साल की विवाहित महिलाओं, गर्भवती व धात्री माताओं को आंगनबाडी केंद्र पर आशा सहयोगिनी द्वारा लक्षण के आधार पर जांच की गई और आयरन की गोलियां दी गई। वहीं कक्षा पांच से 12वीं तक के विद्यार्थियों को राजकीय विद्यालयों में आयरन की गोली खिलाई जा रही है। वहीं छह से 59 माह तक बच्चे, पांच से नौ साल के बच्चे, 10 से 19 साल के किशोर-किशोर तथा 20 से 24 वर्ष की विवाहित महिलाएं, गर्भवती व धात्री महिलाओं को चिकित्सा संस्थानों पर भी आयरन फोलिक एसीड की गोली व सिरप दी गई।