छबड़ा विधायक व पूर्व मंत्री प्रतापसिंह सिंघवी ने आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार किसानो और आम आदमी को सही समय पर बिजली सप्लाई नही दे पा रही है, जिससे आम आदमी तो परेशान है। प्रदेश मे सरकार की इससे बडी क्या विफलता होगी कि विधुत विभाग के खिलाफ सरकार मे काबिज मंत्री को ही धरने पर बैठना पड़ा, आम आदमी तो बिजली के कारण परेशान है और इसी प्रकार विधुत वितरण निगम के अधिकारीयो ने 1.04 लाख कृषि कनेकशन जो बजट घोषणा के अनुसार राजस्थान मे लगाये जाने थे, जिसमे सरकार द्वारा नियम बनाकर 50 प्रतिशत कनेकशन टर्नकी प्रोजेक्ट के अन्तर्गत तथा 50 प्रतिशत कनेशन कार्य सीएलआरसी एआरसी ठेकेदारो द्वारा कराया जाना था। परन्तु विधुत वितरण निगम के अधिकारीयो के द्वारा अपनी चहेती फर्मो को लाभ पहुचाने के लिये निविदाओ मे ऐसे नियमो एवं शर्तो को जोडी गई, जिसके कारण सीएलआरसी ए आर सी ठेकेदारो को इस निविदा प्रकिया से दूर रखा जा सके तथा टर्नकी प्रोजेक्ट के ठेकेदारो को लाभ दिया जाकर प्रदेश के करीब 1 लाख कृषि कनेशनो का कार्य कराया जा सके, जिसके परिणाम स्वरूप पूरे प्रदेश मे एक-एक दो-दो फर्मो द्वारा पुल करकर 82 प्रतिशत ज्यादा रेट तक मे निविदा ली गई जिसके कारण सरकार को करीब-करीब 16 सौ करोड रूपये का नुकसान हो रहा है। जबकि इससे पहले विधुत विभाग द्वारा कनेशन सामाग्री खरीदकर विधुत विभाग द्वारा ठेकेदारो द्वारा कनेक्षन लगाने का कार्य किया जाता था। जिससे विभाग की बहुत कम लागत आती थी जबसीएलआरसी ए आर सी ठेकेदारो द्वारा टर्नकी प्रोजेक्ट की निविदा का विरोध किया गया तो विधुत विभाग के अधिकारीयो ने अपनी गलती छुपाने के लिये 25 से 30 प्रतिशत राशि कम कर सरकार की चाहती फर्मो को कार्य दिया गया, जिसके कारण सरकार को करीब-करीब 12 सौ करोड रूपयो का नुकसान हो रहा है तथा ए आर सी का जो कार्य होना था वह कार्य भी टर्नकी प्रोजेक्ट ठेकेदारो को एक आदेश निकाल कर दे दिया गया जिसके कारण प्रदेश के हजारो सीएलआरसी ए आर सी ठेकेदार बेरोजगार हो गये है तथा उनके सामने परिवार के लालन-पालन की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। तथा सरकार को करीब-करीब 12 सौ करोड रूपये का नुकसान होगा। मेरी सरकार से मांग है कि इस पूरी टेण्डर प्रकिया की जॉच कराकर दोषी अधिकारीयो के खिलाफ उचित कार्रवाई करे एवं सीएलआरसी ए आर सी ठेकेदारो के हिस्से के 50 प्रतिशत कार्य का जो आदेश टर्नकी प्रोजेक्ट ठेकेदारो को दिया गया है उस आदेश को अतिशीघ्र निरस्त कर सीएलआरसी ए आर सी ठेकेदारो को कार्य दिया जावे। इसी प्रकार छबड़ा थर्मल पावर प्रोजेक्ट के अधिकारीयों ने तीसरी और चौथी इकाईयो में उत्पादन कम कर सरकार को लगभग 8 अरब रूपये का घाटा पंहुचाया है। पूरे बारां जिले में विद्युत उपभोक्ताओ को समय पर बिजली और पिछले 5-6 माह से ट्रांसफार्मर उपलब्ध नही हो रहे है जिससे कृषि कनेशन धारक और घरेलू बिजली उपभोक्ता काफी परेशान है और जो टांसफार्मर आ रहे है उन्हे भी विद्याुत विभाग के कर्मचारी मोटी रकम देने वाले उपभोक्ताओ को दे रहे है।