बालक को उपदेश से नहीं व्यवहार से सिखाएं – अंजू सिंह खंगार
समरानियाँ – विद्या भारती द्वारा संचालित स्वामी विवेकानन्द विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय में विशाल मातृ सम्मेलन उत्साह पूर्वक संपन्न हुआ।उत्सव जयंती प्रमुख नीलेश कुमार मेहता बालिका शिक्षा प्रमुख भावना मेहता ने जानकारी देते हुए बताया की विद्या भारती की योजना से प्रतिवर्ष मातृ सम्मेलन आयोजित किया जाता है।अतिथियों द्वारा देव चित्रों पर तिलक वंदन पूजा अर्चना करके मातृ सम्मेलन का शुभारंभ किया।अतिथियों स्वागत समिति सचिव माखनलाल राठौर द्वारा किया गया। प्रचार प्रमुख सुनील कुमार सेन ने माताओं से प्रश्नोत्तरी व विचार अभिव्यक्ति का आयोजन करवाया।भामाशाह श्रीमती काशीबाई का भी विद्यालय समिति द्वारा सम्मान किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अंजू सिंह खंगार ने अपने उद्बोधन में कहा माताएं बालकों का निर्माण में हम भूमिका निभाती हैं इस सृष्टि की प्रथम गुरु की मां है।
कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रही नीतू मेहता ने कहा की विद्या भारती ऐसे संस्कारवान भैया बहिनों के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दे रही है। इसलिए संपूर्ण भारतवर्ष में एक अच्छी युवा पीढ़ी संस्कारवान बनाने के लिए समय-समय पर आश्चर्य दीदियों के द्वारा मार्गदर्शन किया जाता है।विशिष्ट अतिथि प्रीती मेहता नवचयिनी शिक्षिका ने कहा की विद्या भारती के विद्यालय शिक्षा और संस्कारों के लिए पूरे देश में जाने जाते हैं।कार्यक्रम में मुख्यवक्ता घनश्याम वर्मा जिला नैतिक एवं अध्यात्मिक शिक्षा प्रमुख स्थानीय प्रधानाचार्य ने अपने उद्बोधन में कहा की विद्या भारती बालक के सर्वांगीण विकास में कार्यरत हैं। संस्थान में पांच आधारभूत विषय से बालक का सर्वांगीण विकास किया जाता है।सम्मेलन में आचार्य मानक चंद,चेतन मेहता सोनू खंगार,राकेश विश्वास, अवधेश मेहता,शालिनी,रोशनी, कीर्ति खंगार,जूली खंगार, रानी राठौर,सोनल मेहता, एवम कन्हैया लाल सहरियां आदि आचार्य दीदी का विशेष प्रयोग रहा।कार्यक्रम में 320 मातृ शक्ति की उपस्तिथि रही।