छबड़ा विधायक व पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने शुक्रवार विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव के जरिए छबड़ा व छीपाबड़ौद क्षेत्र में पेयजल समस्या का मुद्दा उठाया। उन्होनें कहा कि विधानसभा क्षेत्र छबड़ा में वर्ष 2018 से लेकर अब तक पिछली सरकार के समय और वर्तमान सरकार के समय में जो हैंडपंप स्वीकृत हुए वो अभी तक नहीं लगाए गए हैं। छबड़ा— छीपाबड़ौद का इलाका पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण पेयजल की ज्यादा समस्या होती है। इस प्रकरण के समाधान के लिए स्वयं विधायक व्यक्तिगत तौर पर पीएचईडी चीफ इंजिनियर ग्रामीण व एसीएस सुधांषु पंत और मुख्यमंत्री कार्यालय में अधिकारियों से मिलें किन्तु अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है।
सिंघवी ने कहा कि 03 फरवरी 2022 को राज्य सरकार द्वारा हैंडपंप सुधारने के निर्देश दिए, किन्तु दुर्भाग्य है कि अब तक कोई वाहन किराए पर नहीं लिया है और न ही विभागीय अधिकारियों ने हैंडपंप सुधारने में कोई गंभीरता दिखाई।
विधायक सिंघवी ने कहा कि छबड़ा व छीपाबड़ौद के ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल समस्या के निजात दिलाने के लिए जल जीवन मिशन के तहत पिछले तीन माह में 29 नलकूप व पानी की टंकी की स्वीकृति मिली है, जिसमें केवल एक नलकूप ग्राम मण्ड़ोला में खोदा गया। इस नलकूल में केसिंग व हल्के पाईप लगाकर मात्र औपचारिकता की गई है।
छबड़ा व छीपाबड़ौद को ल्हासी परियोजना से पेयजल सप्लाई हो रही है। सम्बन्धित संवेदक को शर्तों के अनुसार संचालन के लिए 36 व्यक्ति लगाने के बाद ही ठेका दिया गया, किन्तु वर्तमान में मात्र 08 व्यक्ति लगाकर खानापूर्ति की जा रही है। छबड़ा और छीपाबड़ौद में पेयजल की सप्लाई के लिए डाली गई लाईनों में पानी की सप्लाई नहीं की जा रही है और जो नई बस्तियां बसी हुई है उनमें पाईप लाईन डालकर पेयजल की सप्लाई नहीं की जा रही है।
सिंघवी ने मांग की है कि दोषी अधिकारियों एवं संवेदक के खिलाफ सरकार कार्रवाई कर छबड़ा व छीपाबड़ौद, दोनों पंचायत समितियों में पेयजल की उपलब्धता करवाए।