छबड़ा विधायक व पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने राज्य सरकार पर ईआरसीपी के नाम पर पूर्वी व दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार को अनर्गल बयानबाजी करने की बजाय मध्यप्रदेश के साथ बातचीत कर नदियों के पानी की हिस्सेदारी तय करनी चाहिए। मुख्यमंत्री को यह पता है कि केंद्र सरकार योजना में कोई अडंगा नहीं लगा रही, बल्कि जिन नदियों को जोड़कर यह परियोजना बनाई जा रही है उनके पानी को लेकर मध्यप्रदेश व राजस्थान के बीच नदियों के पानी को लेकर विवाद है। इसे सुलझाने की बजाय वे बेबुनियाद आरोप लगाकर राजनीति कर रहे हैं। सिंघवी ने कहा कि दोनों राज्य सरकारें बैठकर विवाद का समाधान करें। जब तक नदियों के पानी को लेकर दोनों राज्यों के बीच में कोई फैसला नहीं हो जाता तब तक केंद्र सरकर इस परियोजना को अपने हाथ में नहीं ले सकती।
सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अब तक का पूरा समय पांच सितारा होटलों में गुजारा है। अब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं इसलिए कांग्रेस गांव के लोगों को गुमराह कर आंदोलन खड़ा करना चाहती है। जैसे पहले किसान कर्जमाफी करने व शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने के नाम पर गुमराह करके पिछले विधानसभा चुनाव में वोट लिए। असल में ईआरसीपी परियोजना का सर्वे व डीपीआर बनाने का काम और मध्यप्रदेश सरकार से बातचीत कर समझौता करने का प्रयास वसुंधरा सरकार के समय ही शुरू हो गया था। ईआरसीपी की कल्पना पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने ही की थी। अगर वर्तमान में वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री होतीं तो इस परियोजना का काम अब तक शुरु हो गया होता। भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा किसानों, मजदूरों व बेरोजगारों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही योजनाएं बनाई हैं। पार्टी का मुख्य ध्येय ही अंत्योदय है।