मुख्यमंत्री निवास पर इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की समीक्षा बैठक को संबोधित किया। सरकार का ध्येय है कि प्रदेश में हर व्यक्ति को सामाजिक सुरक्षा मिले। कोई भी व्यक्ति रोजगार से वंचित ना रहे तथा कोविड के दौरान बेरोजगार हुए व्यक्तियों को गुजर-बसर के लिए आजीविका के साधन उपलब्ध हो। राज्य सरकार द्वारा 800 करोड़ रूपये के बजट से शुरू हो रही इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराकर राहत प्रदान करेगी।
9 सितंबर से शुरू हो रही योजना का शुभारम्भ सभी जिलों में प्रभारी मंत्री करेंगे। अभी तक शहरी क्षेत्र के 2.2 लाख से अधिक परिवारों ने योजना के अन्तर्गत पंजीकरण करवाया है। योजना को जनसमर्थन मिल रहा है। योजना में स्वच्छता संबंधी कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसे सामाजिक दायित्व व सरोकार के रूप में क्रियान्वित किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वाले नगरीय निकायों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि शहरों में रोजगार के संकट को दूर करने के लिए शुरू की जा रही योजना में जॉब कार्डधारी परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के सभी सदस्य पात्र होंगे। पंजीयन जनआधार कार्ड के जरिए किया जा रहा है। जिन परिवारों के पास जनआधार कार्ड उपलब्ध नहीं है, वे ई-मित्र केंद्र या नगरपालिका सेवा केंद्र के जरिए जनआधार के लिए आवेदन कर उसके क्रमांक नम्बर से भी पंजीयन करा सकते हैं। योजना में लाभार्थी परिवार को 100 दिन का गारंटीशुदा रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा।
बैठक में स्वायत्त शासन मंत्री श्री शांति धारीवाल, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, शासन सचिव स्वायत्त विभाग श्री जोगाराम सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।