छबड़ा तहसील के भीलवाडा नीचा गाँव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान के अतिक्रमण व शिक्षकों की कमी को हटाने को लेकर शनिवार सुबह छात्रों ने विद्यालय के मुख्यद्वार के ताला जड़ दिया व जमकर नारे बाजी की
। नवनिर्वाचित छात्र संघ अध्यक्ष रवि शर्मा भी पहुंचे मोके पर सरपंच पति राधेश्याम मीणा व प्रधानाचार्य की समझाइश के बाद करीब 1 घंटे बाद ताला खोल दिया गया। सरपंच पति राधेश्याम मीणा ने बताया की विद्यालय के खेल मैदान के लिए सन 2003 में 14 बीघा 03 बिस्वा भूमि आवंटन की गयी थी । जिस पर कई लोगों ने अतिक्रमण कर लिए हैं। इन अतिक्रमणों हटाने के लिए पूर्व सरपंच राधेश्याम मीणा द्वारा जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया था जिस पर कलेक्टर द्वारा अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे परन्तु उन्हें अम्ल में नहीं लाया गया , प्रशासन गांवों के संग अभियान में भी प्रधानाध्यापक द्वारा मांग की जा चुकी है । 07 जून को भी उप खण्ड अधिकारी को सरपंच रानी बाई मीणा द्वारा ज्ञापन दिया गया था परन्तु आवश्यक कार्यवाही के निर्देश देने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी । अतिक्रमण नहीं हटने से ग्रामीण व छात्रों में रोष है ।
शनिवार सुबह 7:30 बजे छात्र-छात्राओं ने खेल मैदान से अतिक्रमण व शिक्षकों की कमी हटाने की मांग को लेकर मुख्य द्वार के ताला जड़ दिया। छात्र-छात्राएं व सभी शिक्षक विद्यालय के बाहर बैठे रहे। प्रधानाचार्य राकेश कुमार भार्गव ने स्कूल पहुंचने पर समझाइश की। बच्चे अपनी मांग पर अड़े रहे। स्कूल में तालाबंदी की सूचना पर सरपंच पति राधेश्याम मीणा स्कूल पहुंचे। उन्होंने छात्र-छात्राओं को समझाया व आश्वासन दिया कि 15 दिवस के अंदर खेल मैदान का अतिक्रमण हटवाया जाएगा नहीं तो वे खुद आन्दोलन करेंगे जिसके बाद करीब साढ़े 8 बजे छात्रों ने विद्यालय के मुख्यद्वार का ताला खोल दिया।
साथ मुख्य मांगें छात्रों का कहना हे की हमारे भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़ शिक्षकों की कमी के चलते नहीं हो पाती सही से पढाई
बारिश के दिनों में स्कुल की जर्जर भवन भी टपकता हे बच्चे गिले में पड़ने को रहते है मजबूर
19 शिक्षकों के स्थान पर मात्र 7 शिक्षक के भरोसे चलता हे स्कुल जिसमे से भी 1 पीटीआई
रोष का मुख्य कारण प्रधानाध्यापक कन्हैयालाल रेगर का स्थानान्तरण क्योंकि वो दो शिक्षकों की कमी कर रहे थे पूरी हिन्दी व हिन्दी साहित्य दोनों की कमी करते थे वो पूरी
आस पास के 5 गावों के 326 विद्यार्थी हैं विध्यालय में अध्यनरथ 3किमी दूर तक के बच्चे आते हैं पड़ने
सुविधा के अभाव के चलते न चाहते हुए भी कई विद्यार्थी कटवा चुके हैं टीसी
कुल 8 कमरों में संचालित हे उच्च माध्यमिक विध्यालय जिसमे से भी एक प्रधानाध्यापक कक्ष व एक कम्पुटर कक्ष मात्र छ कमरों में एक से बारवीं तक के बच्चे पड़ने को मजबूर बाहर पेड़ों के निचे लगती हैं क्लासें
सुविधा के नाम पर शून्य हे विद्यालय का जर्जर भवन
सन 1964 से संचालित हे विद्यालय भवन सत्र 2005-06 में क्रमोन्नत होकर हुआ माध्यमिक व सत्र 2015-16 में हुआ उच्च माध्यमिक उपाधि बड़ी परन्तु भवन नहीं आज भी जर्जर भवन में पड़ने को बच्चे मजबूर
छात्रों व ग्रामीणों ने ये भी आरोप लगाया की गंदी राजनीति के चलते 4.70 करोड़ के स्कुल विकास कार्यों में नहीं आया हमारे स्कुल का नाम जबकि भवन निर्माण की अति आवश्यकता
ग्रामीण ओलंपिक खेल के लिए भी सरपंच द्वारा घट्टा की घाटी के उपर वन भूमि पर अस्थायी रूप से सफाई करवाकर खेल मैदान बनाया गया तब जाके ग्रामीण ओलम्पिक संपन्न करवाए जा सका
छात्रों ने ये भी आरोप लगाया की कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा स्कुल के रास्ते में गंदगी के ढेर लगा दिए हैं जिससे की स्कुल आने में भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता हे