समरानिया से अनिल जादौन की रिपोर्ट
शाहाबाद पिछले कई दिन से रुक रुककर हो रही बारिश फसलों के लिए नुकसान पहुंचा रही है। इसमें सबसे अधिक नुकसान से उड़दी की फसलों को हुआ है। कई जगह तो खेत में फसल अब भी पानी में डूबी हुई हैं। इस समस्या ने किसानों की चिताएं बढ़ा दी। कई जगह तो खेत में फसल अब भी पानी में डूबी हुई हैं। इस समस्या ने किसानों की चिताएं बढ़ा दी हैं।
विदाई की बेला में जमकर हो रही बारिश ने इस बार सितंबर को भी खाली नहीं जाने दिया। पिछले कई दिनों से बारिश का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा है। सुबह से बादलों की आंख मिचौली चल रही थी।। कुदरत के कहर से किसान बेहाल हैं। पहले बारिश न होने से खरीफ की बुवाई देर से हो सकी। जब बीजों में अंकुर फूटने लगे तो बारिश से खेत लबालब हो गए। लगातार बारिश के कारण उड़द, मूंग, सोयाबीन और मक्का की फसलें खराब होने लगी हैं।
किसान पिछले कईं वर्षों से ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, सूखा की मार झेल रहे हैं इसी कारण अब वह कर्ज में डूबता जा रहा है। इस साल किसानों को खरीफ की फसल से काफी अच्छी उम्मीद थी लेकिन अब विदाई की बेला पर लगातार बरसे बारिश होने के कारण पकी सलों का बीज अंकुर शुरु हो गया तो कहिं किसानों की फसलें कटी फसलों को काफी नुक्सान हुआ है तो कहिं किसानों को पकी खड़ी फसलों के नुकसान की चिंता सता रही है। शाहाबाद क्षेत्र के भोयल, देवरी,पाजनटोरी मुंडियर मामोनी रामपुर बिचि मोहनपुर रामपुर बांसखेड़ा सहित कहिं गांवों में फसलों का काफी नुकसान हुआ है।