सीकर, 13 अक्टूबर। जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव की अध्यक्षता में गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के संबंध में व्यापार संघ के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित हुई।
बैठक में जिला कलेक्टर डॉ. यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि खाद्य पदार्थों में मिलावट कर प्रदेशवासियों की सेहत से खिलवाड करने वालो के विरूद्ध राज्य सरकार एक विशेष अभियान चलाकर कठोर कार्यवाही करेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान मिलावटखोरी से मुक्ति की दिशा में एक अलग पहचान बनायेगा। उन्होंने कहा कि दूध, दूध से बने पदार्थों, मिठाईयों, मसालों, घी, तेल एवं अन्य पदार्थों मे मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी व्यक्ति आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नही कर सकता। उन्होंने बताया कि दीपावली के त्यौंहार के सीजन के दौरान 17 अक्टूबर से पूर्व प्रदेश में मिलावटखोरी के खिलाफ शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जाएगा। राज्य सरकार की मंशा है कि अनावश्यक रूप से किसी भी व्यापारी को परेशान नही किया जावे एवं मिलावटखोर के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जावे। उन्होंने बताया कि इस अभियान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, पुलिस विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। उन्होंने व्यापार संघ के प्रतिनिधियों को प्रेरित किया कि गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाने के लिए समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभावें ताकि आमजन को शुद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो सकें।
जिला कलेक्टर डॉ. यादव ने व्यापार संघ के प्रतिनिधियों को प्रेरित किया कि दीपावली के शुभ अवसर पर आप अपने श्रमिकों को मिठाई नहीं देकर उनका मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में प्रिमियम राशि 850 रूपये देकर पंजीकरण अवश्य करावें। इससे पंजीकृत परिवारों का 10 लाख रूपये तक बीमारियों मे ईलाज होगा साथ ही 5 लाख रूपये तक का बीमा भी होगा। उन्होंने कहा कि इसके बारे में आमजन को जागरूक करें ताकि वे भी इसका फायदा उठा सकें। उन्होंने बताया कि 31 अक्टूबर तक पंजीकरण करवाने वालों को एक नवम्बर से स्मार्टफोन भी दिया जायेगा।
उन्होंने व्यापारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान में अग्नि शमन यंत्र अवश्य रखें एवं इसके संचालन का परीक्षण कर लेंवें ताकि त्यौंहार के अवसर पर आगजनी, आपदा की स्थिति से बचाव हो सके। उन्होंने व्यापारियों से साफ-सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखने को कहा। उन्होंने कहा कि बैठक में पुराने समय में खाने की दरें कम होती थी एवं खाद्य पदार्थ शुद्ध होते थे जिससे आदमी की उम्र अधिक होती थी। हम सभी को मिलावटखोरी के संबंध में आमजन को जागरूक करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि मिलावटखोर की सूचना मुखबिर योजना के अन्तर्गत जिला प्रशासन को तुरन्त दी जावे। कोई भी व्यक्ति अनाधिकृत स्थान पर मिलावटी खाद्य पदार्थ के निर्माण या विक्रय की सूचना टोल फ्री नंबर 181 पर जिला कलेक्टर कार्यालय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, उपखण्ड अधिकारी, ब्लॉक सीएमएचओ, खाद्य सुरक्षा अधिकारी को लिखित, ईमेल, एसएमएस, व्हाट्सएप सहित विभिन्न माध्यमों से दे सकता है। मुखबिर द्वारा दी गई सूचना का अधिकारी परीक्षण करेंगे, प्रथम दृष्ट्या सूचना सही पाये जाने पर मुखबिर को निर्धारित फार्म में नंबर 1 में सूचना देने के लिए कहा जाएगा, जिसमें व्यक्ति एवं फर्म का नाम अवश्य होना चाहिए। मुखबिर की पहचान गोपनीय रखने के उद्देश्य से उसे इसी यूनिक कोड से पहचाना जाएगा तथा सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। बैठक में व्यापार संघ के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर का गुलदस्ता भेंट कर स्वागत सम्मान किया।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर रतन कुमार ने कहा कि व्यापारियों से चिरंजीवी योजना का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करें। उन्होंने बताया कि व्यापार संगठन बाजार रोशनी, सजावट करें। श्रेष्ठ सजावट करने वालों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार जिला प्रशासन की ओर से दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि व्यापारी अपने संस्थानों, परिसरों मे साफ-सफाई रखने के साथ ही डस्टबीन भी रखें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. निर्मल सिंह ने बैठक में बताया कि मुखबिर योजना के तहत मिलावटी खाद्य पदार्थ बनाने वाले या विक्रय करने वालें के संबंध मे सूचना देने वाले व्यक्ति को 51 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी तथा सैम्पल खाद्य लैब में आमानक पाये जाने पर मुखबिर को प्रोत्साहन राशि के रूप में 5 हजार रूपये की राशि दी जाएगी।
बैठक में व्यापार संघ के प्रदीप पारीक ने सुझाव दिया कि व्यापार में तीन प्रकार के व्यापारी होते है। पहला निर्माता, दूसरा सप्लायर, तीसरा विक्रेता। विक्रेता छोटे-छोटे व्यापारी होते है एवं निर्माता बड़ा व्यापारी होता है। उन्होंने कहा कि मिलावटखोरी होने पर छोटे विक्रेता को परेशान नही किया जाना चाहिए और निर्माता को ही पकड़ा जाना चाहिए। उन्होंने श्री कल्याण चिकित्सालय सीकर में सैंपल की जांच के लिए खाद्य लैब चालू करवाने का सुझाव दिया। व्यापारी महावीर चौधरी ने व्यापार संघ की ओर से जिला प्रशासन को आश्वस्त किया कि मिलावटखोरों के विरूद्ध शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में पूर्ण सहयोग दिया जाएगा।
बैठक में जिला रसद अधिकारी कपिल उपाध्याय, सहायक निदेशक जनसंपर्क पूरण मल, सीओ सीटी विरेन्द्र शर्मा, उपखण्ड अधिकारी सीकर गरीमा लाटा, तहसीलदार अविनाश, खाद्य सुरक्षा अधिकारी मदन बाजिया, महमूद अली, राजस्व अधिकारी महेश योगी, व्यापार संघ के सुरेश अग्रवाल, विनोद नायक, रामप्रसाद मिश्रा, मनोज पंसारी, प्रेमप्रकाश सैनी सहित व्यापार संघ के अन्य प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।