*धर्मांतरण एक राष्ट्रीय समस्या, भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए धर्मांतरण को समूल नष्ट करना अत्यंत आवश्यक-भगवान सहाय*
बाराँ – जनजाति समाज के जिस व्यक्ति ने अपना धर्म बदल लिया है उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) के नाते प्रदत्त सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिए ।जब अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए भी यह प्रावधान संविधान में लागू है तो एसटी वर्ग के लिए भी यह प्रावधान संविधान में जोड़ा जाना चाहिए। 1947 में जब देश आजाद हुआ तो अंग्रेजों की तीन सेनाएं तो देश से चली गई पर उनकी चौथी सेना जो धर्म परिवर्तन कराने का कार्य लगातार तभी से कर रही है, भारत के संविधान की इस चूक का फायदा उठाकर जनजातीय समाज में धर्म परिवर्तन को अत्यंत प्रोत्साहित कर रही है एवं संविधान की इस त्रुटि के कारण, धर्म बदलने वाले बड़ी चतुराई से दोहरा लाभ उठा रहे हैं जबकि मूल आदिवासी समाज आज भी अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है। इसी विषय को सुधारने की मांग लेकर 18 जून को जनजाति सुरक्षा मंच राजस्थान के बैनर तले एक विशाल हुंकार महारैली का आह्वान उदयपुर नगर में किया गया है। इस महारैली में संपूर्ण राजस्थान से जनजातीय समाज के साथ-साथ संपूर्ण राष्ट्रवादी हिंदू समाज भी शामिल होगा। जनजाति समाज के लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा,वाद्य यंत्रों के साथ एकत्र होंगे एवं गाते बजाते झांकियों के साथ, एक विशाल जनसैलाब के रूप में अपनी आवाज बुलंद करेंगे। जनजातीय सुरक्षा मंच की दो प्रमुख मांग है संविधान में प्रावधान (आर्टिकल 342) को सही करना एवं जिन जनजाति लोगों ने धर्म परिवर्तन कर लिया है उन्हें एसटी की सूची से अलग करना ( डी-लिस्टिंग)।
पूरे राजस्थान में इस महारैली को लेकर तैयारियों एवं बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। इसी क्रम में शुक्रवार रात्रि को बारां शहर में भी एक बड़ी प्रबुद्ध नागरिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस बैठक में जनजातीय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय पदाधिकारी एवं राजस्थान के प्रभारी भगवान जी सहाय ने बताया जैसा कि 18, जून 1576 मेवाड़ की धरती पर मुगलों के खिलाफ हल्दीघाटी का युद्ध लड़ा गया इसलिए 18 जून के दिन ही उसी मेवाड़ की धरती पर पूरे राजस्थान का जनजातीय एवं हिंदू समाज धर्मांतरण के विरुद्ध “डीलिस्टिंग”कि अपनी आवाज बुलंद करेगा। महारैली का एकत्रीकरण गांधी ग्राउंड में होगा जहां पर विभिन्न कार्यक्रमों के पश्चात अंत में एक विशाल जनसभा होगी। जैसा कि बारां जिला भी एक प्रमुख जनजाति जिला है, यहां से भी बसों, एवं अन्य वाहनों के माध्यम से बड़ी संख्या में जनजातीय एवं अन्य हिंदू समाज इस महारैली में अपनी भागीदारी निभाने पहुंचेगा। भगवान सहाय ने बैठक में उपस्थित सभी संगठनों, एवं प्रबुद्ध जनों से आह्वान किया धर्मांतरण केवल एक जाति- समाज की समस्या नहीं अपितु संपूर्ण राष्ट्र की समस्या है, धर्मांतरण के आड़ में राष्ट्र के टुकड़े टुकड़े करने की गहरी चाल को आज का यह जागृत हिंदू समाज कदापि सफल नहीं होने देगा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सभी सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधित्व में,एक आयोजन समिति भी शीघ्र ही बारां जिले में बनाई जाएगी, यह समिति आमजन से तन-मन-धन से, धर्मांतरण के विरुद्ध इस निर्णायक कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु आह्वान करेगी। बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक रमेश जी मेहता, जिला संघचालक वैद्य राधेश्याम जी गर्ग, राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री जगदीश जी कुलमी, बारां के प्रमुख व्यवसाई शिव एग्रो मिल्स से विष्णु जी साबू, धान मंडी के प्रमुख व्यापारी पवन जी ड्रोलिया, वेद प्रकाश जी टक्कर समेत अनेक प्रबुद्ध जन शामिल हुए । बैठक के अंत में सभी ने एकमत से इस कार्यक्रम की सफलता हेतु अपना समर्थन प्रेषित किया।