नाबालिग से छेड़छाड़ और रेप के आरोपी को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने जीवन की अंतिम सांस तक जेल की सजा सुनाई।
पॉक्सो कोर्ट क्रम 2 ने बारां ने नाबालिग से छेड़छाड़ और रेप के ढाई साल पुराने मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए जीवन की अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही 70 हजार रुपए के जुर्माने से भी दंडित किया है।
विशिष्ट लोक अभियोजक हरि नारायण सिंह ने बताया-
छबड़ा थाना पर एक पीड़िता की मां ने मामला दर्ज कराया था। रिपोर्ट में बताया- 27 फरवरी 2022 को अपने घर पर ही थी। उसकी 5 वर्षीय नाबालिग बेटी पड़ोस में रहने वाले मामा ससुर के यहां खेलने गई थी। इस दौरान उसके साथ मामा ससुर ने छेड़छाड़ कर दी। शाम करीब 4 बजे पीड़िता ने घर आकर उसके साथ रिश्तेदार की ओर से की गई करतूत के बारे में बताया। इस पर पीड़िता की मां और उसका पति मामा ससुर के घर बच्ची सहित पहुंचे और मालूम किया तो बच्ची ने छेड़खानी की जगह बताई। उसकी बच्ची के कपड़े गंदे हो रहे थे और आरोपी ने किसी चीज का नशा कर रखा था। इसके बाद परिजनों ने पीड़िता के साथ थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और छेड़छाड़ की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर प्रकरण में नाबालिग से ज्यादती की धारा भी जोड़ी गई। पुलिस की ओर से मामले में आरोपी के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया। विशेष लोक अभियोजक हरि नारायण सिंह ने बताया कि इस प्रकरण में डीएनए रिपोर्ट महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित हुई, जिसमें पीड़िता के शरीर पर
रिश्तेदार के डीएनए का मिलान हुआ है।
मामले में पॉक्सो कोर्ट क्रम-2 की विशेष जज सोनिया बेनीवाल ने नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोपी रिश्तेदार को यौनशोषण का दोषी मानते हुए उसके जीवन काल की अंतिम सांस तक आजीवन कारावास और अलग-अलग धाराओं में कुल 70 हजार के जुर्माने से दंडित किया है।