बारां, 21 जनवरी। पशुपालन विभाग संयुक्त निदेशक हरिबल्लभ मीणा ने बताया कि पशु पालन को बढ़ावा देने और पशुपालकों की आर्थिक उन्नति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना शुरू की गई है। जिसके तहत पशुओं का बीमा कराया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत पशुपालकों के दुधारु और भारवाहक पशुओं का निरूशुल्क बीमा करना है। दुधारु गाय, भैंस, ऊंट, भेड़ व बकरी जैसे पशुओं का एक वर्ष के लिए निःशुल्क बीमा होगा। उन्होंने बताया कि यह योजना न केवल पशुपालकों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि पशुपालन व्यवसाय को भी प्रोत्साहन देगी। उन्होंने सभी पात्र पशुपालकों को समय पर आवेदन करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के लिए अपने जन आधार कार्ड की सहायता से मोबाइल फोन में मंगला पशु बीमा योजना ऐप व नजदीकी ई मित्र से अपना निशुल्क पंजीयन करवा सकते हैं। जिले में पशुओं में कई प्रकार की बीमारियों से पशुओं की अकाल मौत हो जाती है। जिससे पशुपालक पर आर्थिक संकट उत्पन्न होता है।
आवश्यक दस्तावेज –
जन आधार, पहचान, निवास और आय प्रमाण-पत्र पशुपालन के लिए प्रयुक्त भूमि के कागजात, आवेदक का पासपोर्ट साइज फोटो, पशुओं की फोटो बैंक खाते का डिटेल, पासबुक की फोटोकॉपी मोबाइल नंबर (आधार से लिंक) हो।
मिलेंगे 40000 रुपए
पहले चरण में राज्य के 21 लाख पशुओं का बीमा किया जाना है। इसलिए प्रदेश के 5-5 लाख दुधारू गाय/भैंस, 5-5 लाख भेड़/बकरी तथा 1 लाख ऊंटों का बीमा किया जाना प्रस्तावित है। बीमा एक वर्ष के लिए होगा और पशुपालक को कोई प्रीमियम नहीं देना होगा। योजना के तहत किसी भी प्राकृतिक या आकस्मिक दुर्घटना में पशु की मौत होने पर बीमा क्लेम मिलेगा। अधिकतम राशि 40000 देय होंगे।
ऐसे करें आवेदन
पशुपालक बीमा में नजदीकी मित्र या नजदीकी पशु चिकित्सालय में जाकर योजना में आवेदन कर सकते हैं गोविंदगढ़ में पशुपालन विभाग की ओर से अब तक 300 से अधिक पशुओं का ऑनलाइन बीमा कर दिया है।
सहायता दी जाएगी
संयुक्त निदेशक मीणा का कहना है कि हमारी टीम लगातार घर-घर जाकर पशुपालकों को बीमा योजना के बारे में बता रही है। बीमा किया जा रहा है। पशुपालक नजदीकी ई मित्र, अपने मोबाइल फोन या नजदीकी पशु चिकित्सालय केंद्र में जाकर पशुओं का बीमा करवा सकते हैं। इस योजना से पशुओं की मौत हो जाने पर सरकार की ओर से सहायता दी जाएगी।
–00–
‘पंजीयन और मुद्रांक विभाग कहता है, अपने ई स्टाम्प सर्टिफिकेट को जाने’ नवाचार का शुभारंभ
बारां, 21 जनवरी। पंजीयन एवं स्टाम्प डीआईजी कोटा पुष्पा हरवानी ने उप पंजीयक कार्यालय कोटा में रजिस्ट्री एवं अन्य प्रयोजनों के लिए ई-स्टाम्प खरीदने वाले नागरिकों में व्यापक जागरूकता लाने के लिए पंजीयन और मुद्रांक विभाग कहता है, अपने ई स्टाम्प सर्टिफिकेट को जाने नवाचार का शुभारंभ इलेक्ट्रिक क्लिप ऑन बोर्ड पोस्टर के माध्यम से किया।
आम जनता के बीच ई स्टाम्प और इसमें मौजूद सुरक्षा मानकों की जानकारी व्यापक रूप से बनी रहे जिसकी जानकारी इस इलेक्ट्रिक क्लिप बोर्ड के माध्यम से डीआईजी पुष्पा हरवानी द्वारा दी गई। डीआईजी हरवानी ने बताया कि अपनी संपत्तियों के पंजीकरण के लिए आने वाले आम जनता को ई-स्टाम्पिंग मोबाइल ऐप के माध्यम से ई-स्टाम्प पेपर में मौजूद 2डी बार कोड को स्कैन कर, ई-स्टांप की प्रमाणिकता की जांच करनी चाहिए, साथ ही बदलते डिजिटल युग में आम आदमी द्वारा ई-स्टाम्प खरीदते समय उसमें मौजूद सभी सुरक्षा मानकों की जांच करने का सुझाव दिया।
डीआइजी ने ईस्टाम्प के विभिन्न सुरक्षा मानकों जैसे माइक्रो प्रिंट, तीन स्थानों पर वॉटरमार्क में स्टाम्प ड्यूटी, टेक्स्ट थ्रेड में भुगतान की गई स्टाम्प ड्यूटी, टेक्स्ट थ्रेड में दिनांक समय, टू डी बार कोड, असममित क्रम में प्रमाणपत्र संख्या और टेक्स्ट रिबन में एसएचसीआईएल के बारे में जानकारी दी।
डीआईजी हरवानी ने कहा कि पंजीयन विभाग और स्टॉकहोल्डिंग के नवाचार के माध्यम से हमारा मुख्य उद्देश्य कोटा, बूंदी, बारां झालावाड़ और इसके आसपास के क्षेत्र के लोगों में ई-स्टाम्प की प्रति व्यापक जागरूकता लाना है।
कार्यक्रम में सब रजिस्ट्रार शिक्षा पवन, के के गोयल जी, प्रहलाद मीना जी, पद्मा जी, कन्हैयालाल सोनीजी, प्रकाश जी, सुखविंदर जी, स्टॉकहोल्डिंग ई-स्टाम्पिंग की ओर से ई-स्टाम्पिंग एरिया मैनेजर पवन रुनवाल, शाखा प्रबंधक मधुसूदन, जितेन्द्र सिंह, वर्षा, स्टाम्प विक्रेता एसीसी विष्णु मित्तल, अधिवक्ता गण मोजूद रहे।
–00–
पालनहार सत्यापन की अंतिम तिथि 15 फरवरी 2025 तक बढ़ाई
बारां, 21 जनवरी। जिला परिवीक्षा एवं समाज कल्याण अधिकारी अमल चौधरी ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित पालनहार योजना में प्रतिवर्ष पालनहारों को अनुदान प्राप्त करने के लिए विभाग के पोर्टल पर ई-मित्र के माध्यम से अध्ययन प्रमाण पत्र अपलोड कर सत्यापन कराया जाता हैं। इसके उपरांत ही योजना के तहत पालनहारों को मिलने वाली राशि जारी की जाती हैं।
वर्तमान में पालनहार सत्यापन की अंतिम तिथि 15 जनवरी को बढ़ाकर 15 फरवरी 2025 निर्धारित किया गया हैं। 15 फरवरी तक सत्यापन नहीं कराने वाले बच्चों का चालू शैक्षणिक सत्र के लिए आवेदन पत्र निरस्त कर दिया जाएगा। अतः उन्हें योजना के लाभ से वंचित होना पड़ सकता हैं।
गौरतलब है कि पालनहार योजना के तहत ऐसे अनाथ एवं देखरेख और संरक्षण की श्रेणी में आने वाले बालक, बालिकाओं को परिवार के अंदर ही समुचित देखरेख, संरक्षण तथा शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती हैं।
ऐसे किया जाता है सत्यापन –
पालनहार योजना में अनुदान पाने के लिए प्रतिवर्ष पालनहार परिवारों के द्वारा बच्चों के वार्षिक सत्यापन के लिए बच्चों के संबंधित विद्यालयों में अध्ययनरत होने का प्रमाण पत्र ई-मित्र के माध्यम से या विभागीय पोर्टल पर अपलोड करना होता है ।
–00–