बारां, 22 जनवरी। राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) द्वारा संचालित मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना राज्य के युवाओं के भविष्य को संवारने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल साबित हो रही है। यह योजना न केवल युवाओं को रोजगार के योग्य बना रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर भी अग्रसर कर रही है।
आरएसएलडीसी के नेतृत्व में इस योजना के तहत राजस्थान के कोने कोने में कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जहां युवाओं को उभरते हुए औद्योगिक क्षेत्रों के अनुरूप आधुनिक और प्रासंगिक कौशलों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह योजना राज्य के युवा वर्ग के लिए रोजगार के बेहतर अवसर खोलने में मील का पत्थर साबित हो रही है।
आवेदनों की स्थिति:- मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तीन प्रमुख कार्यक्रमों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है:-
राज क्विक के तहत 223 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 123 एजेंसियों को एम्पैनल्ड किया गया है, और योजना का लक्ष्य 30,000 युवाओं को प्रशिक्षित करना है।
सक्षम के लिए 92 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 62 एजेंसियों को एम्पैनल्ड किया गया है। इसका उद्देश्य 12,000 युवाओं को प्रशिक्षित करना है।
समर्थ में 241 आवेदन प्राप्त हुए हैं, और 159 एजेंसियों को एम्पैनल्ड किया गया है। इसके तहत 8,000 युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।
एजेंसियों के लिए उच्च मानदंड – आरएसएलडीसी द्वारा इस योजना में भाग लेने वाली एजेंसियों के लिए उच्च मानदंड निर्धारित किए गए हैं। एजेंसियों के औसत वार्षिक टर्नओवर और सक्रिय कौशल विकास केंद्रों की संख्या में वृद्धि की गई है। साथ ही. ग्रीन जॉब्स (पर्यावरण संबंधित नौकरियां). फ्यूचर स्किल्स (भविष्य के कौशल), टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी (पर्यटन और आतिथ्य), हैंडीक्राफ्ट्स (हस्तशिल्प), और फूड प्रोसेसिंग (खाद्य प्रसंस्करण) जैसे उभरते क्षेत्रों के पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता दी जा रही है। यह सुनिश्चित किया गया है कि केवल वही एजेंसियां आवेदन करें, जो इन क्षेत्रों में गहन अनुभव रखती हों और उच्च गुणवत्ता वाली ट्रेनिंग प्रदान कर सकें।
मॉनिटरिंग की पुख्ता व्यवस्था – इस योजना के तहत प्रत्येक प्रशिक्षण केंद्र की मॉनिटरिंग आईपी कैमरों के माध्यम से की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी केंद्रों में गुणवत्ता वाली शिक्षा और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों। यह मॉनिटरिंग सिस्टम आरएसएलडीसी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि हर एक युवा को बेहतरीन प्रशिक्षण मिले और वे अपनी क्षमताओं का पूर्ण विकास कर सकें।
युवाओं के लिए योजना के लाभ – मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना से प्रदेश के हजारों युवाओं को रोजगार और आजीविका के नए अवसर मिलेंगे। इस योजना के जरिए न केवल युवाओं को उन्नत कौशल प्रदान किए जाएंगे, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी हर संभव प्रयास किया जाएगा। इस योजना की सफलता से राजस्थान न केवल राष्ट्रीय स्तर पर कौशल विकास के क्षेत्र में अग्रणी बनेगा, बल्कि राज्य के युवाओं को अपने सपनों को साकार करने का अद्वितीय मौका भी मिलेगा।
राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के इस साहसिक कदम से यह साबित हो रहा है कि राज्य का भविष्य युवाओं के मजबूत हाथों में है और यह योजना उन्हें नए आयाम प्रदान कर रही है।
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राजस्थान सरकार की गर्भवती महिलाओं के लिए अनूठी पहल मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य (मां) वाउचर योजना
गर्भवती महिलाएं प्राइवेट सोनोग्राफी सेंटर पर निःशुल्क करा सकती है सोनोग्राफी
बारां, 22 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ‘मां वाउचर योजना’ की शुरुआत 17 सितम्बर 2024 को पूरे प्रदेश में किया गया। मां वाउचर योजना राजस्थान सरकार की एक दूरदर्शी पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य की महिलाओं को निःशुल्क सोनोग्राफी सेवाएं उपलब्ध कराना है। योजना विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए फायदेमंद है जो दूर-दराज के क्षेत्रों में रहती हैं और जिनके लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचना कठिन है। यह योजना उन महिलाओं के लिए भी उपयोगी है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और सोनोग्राफी जैसी महंगी सेवाओं का खर्च वहन करने में असमर्थ है।
योजना के तहत प्रदेश की गर्भवती महिलाएं अपने ऐसे नजदीकी सरकारी चिकित्सा संस्थान पर जाकर सोनोग्राफी करा सकती है जिन सरकारी चिकित्सा संस्थानों में सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध नहीं तो वहाँ से गर्भवती महिला अपने जन आधार कार्ड और मोबाइल फोन के माध्यम से वाउचर प्राप्त कर सकती है। यह वाउचर सरकारी और सूचीबद्ध निजी पंजीकृत सोनोग्राफी केंद्रों पर निःशुल्क सेवा के लिए मान्य होगा।
निःशुल्क मिलेगी सोनोग्राफी सेवाएं
गर्भावस्था के 84 दिन या उससे अधिक की अवधि वाली महिलाएं इस योजना के तहत निःशुल्क सोनोग्राफी करवा सकती हैं। यह सुविधा सरकारी और सूचीबद्ध निजी सोनोग्राफी केंद्रों पर उपलब्ध है।
वाउचर प्रणाली और प्रक्रिया
योजना के तहत गर्भवती महिला को अपना जन आधार कार्ड और मोबाइल फोन लेकर नजदीकी सरकारी चिकित्सा संस्थान पर जाना होगा। चिकित्सा संस्थान में ओटीपी के माध्यम से महिला के मोबाइल पर एक एसएमएस द्वारा क्यूआर वाउचर जारी किया जाएगा। वाउचर की वैधता 30 दिनों की होगी। यदि महिला निर्धारित 30 दिनों में सोनोग्राफी नहीं करवा पाती है, तो वह दोबारा चिकित्सा संस्थान पर जाकर वाउचर की अवधि एक बार 30 दिनों तक बढ़ा सकती है।
निजी केंद्रों की भागीदारी
महिलाओं को बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रदेश में 1,161 निजी सोनोग्राफी केंद्रों और अस्पतालों को योजना में शामिल किया गया है।
ऐसे ले सकते है योजना का लाभ
गर्भवती महिला अपने नजदीकी सरकारी चिकित्सा संस्थान पर जाकर जन आधार कार्ड और मोबाइल फोन के माध्यम से वाउचर प्राप्त कर सकती है। यह वाउचर सरकारी और सूचीबद्ध निजी पंजीकृत सोनोग्राफी केंद्रों पर निःशुल्क सेवा के लिए मान्य होगा। जिले की कोई भी गर्भवती महिला जिसकी गर्भावस्था की अवधि 12 सप्ताह से अधिक है, वह महिला प्रत्येक माह की 9, 18 व 27 तारीख (प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस) के दिन जिले के ऐसे सरकारी अस्पताल से मां वाउचर योजना के लिए कूपन ले सकती है, जिस संस्थान पर सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध नहीं हो। जिले में सरकारी अस्पतालों में संचालित सोनोग्राफी केंद्रों पर सोनोग्राफी सुविधा निःशुल्क है इसलिए सरकारी संस्थान पर सोनोग्राफी कराने के लिए मां वाउचर योजना की आवश्यकता नहीं है।
राज्य सरकार की मां वाउचर योजना महिलाओं और उनके शिशु के स्वास्थ्य की देखभाल को सुलभ और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह योजना मातृत्व सेवाओं को व्यापक रूप से पहुंचाने और गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं का समय पर पता लगाने में सहायक सिद्ध हो रही है।