बारां 16 मई | मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व की दरा रेंज में फिर से बाघ बसाने की उम्मीद जागी है। बारां -झालावाड़ सांसद दुष्यंत सिंह ने सोमवार को जयपुर में वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख शासन सचिव शिखर अग्रवाल से भेंट कर बाघिन एमटी-4 को सेल्जर रेंज में शिफ्ट किए जाने को लेकर अपना पक्ष जाहिर किया।
सांसद ने कहा कि वन विभाग की रिपोर्ट के आधार पर ही एनटीसीए की अनुमति से प्राथमिक तौर पर दरा रेंज में बाघ को बसाने की तैयारियां शुरू की गई थीं। करोड़ो की लागत से यहां एनक्लोजर बनाए गए, आज ऐसा क्या हुआ कि यह क्षेत्र बाघ के लिए उपयुक्त नहीं रहा। उन्होंने सेल्जर में बाघिन एम टी-4 की सुरक्षा पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यहां बाघों के दो जोड़े भी बनाए गए, दो शावकों ने भी जन्म लिया लेकिन विभागीय कुप्रबंधन के कारण चार बाघों को मौत हो गई और एक बाघ का आज तक भी कोई सुराग नहीं है।
सांसद ने कहा कि दरा एवं गागरोन रेंज में बाघ लाने की तैयारियों के चलते मुआवजे की प्रक्रिया भी पूर्ण की जा चुकी है। दूसरी ओर सेल्जर क्षेत्र में भेजी गई बाघिन एमटी-4 वापस घूमते हुए मशालपुरा की ओर आ गई है, इससे साफ जाहिर है कि बाघों के लिए वह क्षेत्र मुफीद नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह दरा रेंज में चीता लाने का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन उनका सुझाव है कि बारां जिले के शेरगढ़ अभ्यारण्य में चीते को बसाना बेहतर साबित होगा, शेरगढ़ में चीते की बसावट के लिए पर्यप्त ग्रासलैंड मौजूद हैं। उन्होंने शाहाबाद में लेपर्ड अभ्यारण्य बनाने की भी पैरवी की। सांसद ने कहा कि यदि उक्त सुझावों को अमल में लाया जा सकता है तो वह दिन दूर नहीं जब झालावाड़ लोकसभा क्षेत्र इकोलॉजिकल पर्यटन का महत्वपूर्ण केंद्र बन जाएगा। सांसद के साथ छीपाबड़ौद विधायक प्रताप सिंह सिंघवी एवं पर्यावरण प्रेमी धीरज गुप्ता ने भी अपने सुझाव व्यक्त किए।
भाजपा मीडिया विभाग के जिला प्रमुख राजेंद्र शर्मा एवं शहर प्रवक्ता सचिन सनाढ्य ने बताया कि
अग्रवाल ने सैद्धांतिक तौर पर शीघ्र ही दरा रेज में फिर से बाघ लाने के लिए “प्रे- बेस” तैयार करने की ओर प्रयास शुरू किए जाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सुझावों के सम्बंध में संभावनाएं तलाश करने के लिए वह शीघ्र ही हाड़ोती क्षेत्र का दौरा करेंगे।