सचिन पायलट का राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन 6 सितंबर को जयपुर में
राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रहे रघु शर्मा अब गुजरात में कांग्रेस के प्रभारी हैं। इसी वर्ष होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव की तैयारी रघु शर्मा की देखरेख में ही हो रही है। यह बात अलग है कि रघु शर्मा जब से गुजरात के प्रभारी बने हैं, तब से गुजरात में कांग्रेस के नेताओं के इस्तीफे का दौर चल रहा है। इन इस्तीफों के पीछे रघु शर्मा का घमंडी स्वभाव भी बताया जा रहा है गुजरात के कांग्रेस नेताओं ने रघु के व्यवहार को लेकर आला कमान से शिकायत भी की है, लेकिन सीनियर आब्र्जवर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संरक्षण के कारण कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है। 4 सितंबर को ही गुजरात यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष विश्वनाथ सिंह बाघेला ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। वहीं रघु ने राजस्थान में अपने पुत्र सागर शर्मा को यूथ कांग्रेस का प्रदेश उपाध्यक्ष बनवाने में सफल रहे। यानी रघु को गुजरात की राजनीति से ज्यादा अपने परिवार की चिंता है। इससे पहले भी हार्दिक पटेल जैसे युवा चेहरों ने कांग्रेस छोड़ी है। जानकारों की माने तो आला कमान पर दबाव डालकर ही रघु शर्मा ने अपने बेटे का मनोनयन करवाया हे। रघु का ख्वाह है कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में केकड़ी (अजमेर) से बेटे को कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया जाए। यहां तक खुद का सवाल है तो स्वयं को राज्य सभा सांसद बनवाने की फिराक में हैं। रघु के सपने कितने पूरे होते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन केकड़ी के मतदाता पिता-पुत्र दोनों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। रघु के गुजरात में व्यस्त होने के कारण बेटा है। कांग्रेस में विधायक की भूमि निभा रहे हैं पिता ने चिकित्सा मंत्री रहते हुए केकड़ी में गुड़ की गजक बनाने वालों तक से छापे पड़वाए तो बेटे ने नगर पालिका के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को निलंबित करवाने में भूमिका निभाई। केकड़ी के लोगा बेटे का भी घमंड देख रहे हैं।
पायलट का शक्ति प्रदर्शन:
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भले ही राहुल गांधी की री-लॉन्चिंग में लगे हुए हो, लेकिन राजस्थान में लगातार असंतुष्ट गतिविधियां हो रही है। कांग्रेस के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने 5 सितंबर को प्रदेश के प्रमुख अखबारों में पूरे पृष्ठ का विज्ञापन देकर सूचित किया है कि पूर्व डिप्टी सीएम और राजस्थान में 7 वर्षों तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे सचिन पायलट का जन्मदिन इस बार 7 सितंबर के बजाए 6 सितंबर को ही मनाया जाएगा। सोलंकी वही विधायक है जिन्होंने 2 सितंबर को सार्वजनिक तौर पर कहा कि यदि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाता है कि कांग्रेस सरकार के रिपीट होने की उम्मीद है। हालांकि पायलट का जन्मदिन प्रतिवर्ष 7 सितंबर को उनके समर्थक धूमधाम से मनाते हैं, लेकिन इस बार 7 सितंबर को राहुल गांधीी की भारत जो यात्रा शुरू हो रही है और यात्रा के शुरुआत के समय सचिन पायलट राहुल गांधी के साथ रहेंगे। इसलिए राजस्थान में पायलट का जन्मदिन एक दिन पहले 6 सितंबर को मनाया जा रहा है। जन्मदिन की तिथि को लेकर कोई गफलत न हो, इसलिए विदेश प्रकाश सोलंकी ने अखबार में विज्ञापन देकर समर्थकों को 6 सितंबर वाली जानकारी दी है। इसमें कोई दो राय नहीं कि पायलट के संगठन और सरकार के सभी पद छीन लिए जाने के बाद भी उनकी लोकप्रियता बनी हुई है। वे राजस्थान के किसी भी क्षेत्र में जाते हैं तो उनके समर्थकों की भीड़ लग जाती है। पायलट के प्रभाव के कारण ही वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का एक भी गुर्जर उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका। गुर्जर समुदाय को अपनी जाति के सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद थी, इसलिए गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र से कांग्रेस के सभी उम्मीदवार चुनाव जीत गए। समर्थकों द्वारा जन्मदिन मनाने की परंपरा पिछले कई वर्षों से चल रही है। पायलट के जन्मदिन पर प्रदेश भर से उनके समर्थक जयपुर स्थित सरकारी आवास पर एकत्रित होते हैं। इस बार भी जन्मदिन के अवसर पर 6 सितंबर को पायलट दोपहर दो बजे क अपने आवास पर ही रहेंगे।