दवाई के नाम पर 25 लाख का काजू-बादाम खा गए राजस्थान के कर्मचारी
कर्मचारियों और पेंशनरों पर रहमदिली अब सरकार के लिए ही गलफांस बन गई है। चिकित्सक, मेडिकल स्टोर संचालक, कर्मचारियों एवं पेंशनर ने मिलकर मुफ्त का चंदन इस कदर घिसा कि बिना मर्ज के ही सरकार को कर्ज की ओर धकेल दिया। भरतपुर जिले में सरकारी कर्मचारी और पेंशनर परिवार प्रतिदिन करीब 25 लाख रुपए की दवा खा रहे हैं। आरजीएचएस के नाम पर दवा की जगह घरेलू सामान खरीदने की जानकारी के बाद सरकार ने मेडिकल स्टोर संचालकों का भुगतान रोक दिया है। संदेह के दायरे में आए पांच सौ कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है।1