बारां. आयुर्वेदिक विभाग कोटा संभाग के सहायक निदेशक डॉ. रेवतीरमण पारीक ने मंगलवार को राजकीय आयुर्वेदिक चल चिकित्सा इकाई का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में मरीजों की संख्या अधिक है। संख्या अधिक देखते हुए इस स्थान पर नवीन चिकित्सालय की अति आवश्यकता है। साथ ही अस्पताल में नवीन पदसृजन चिकित्सक, कम्पाउंडर व परिचारक की आवश्यकता है। इसके लिए अजमेर में निदेशक से दूरभाष पर वार्ता हुई। निदेशक, आयुर्वेदिक विभाग अजमेर ने जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव भिजवाने के बारे में बताया, ताकि यहां पर आयुर्वेद की अनेक विधाएं जैसे किक्षारसूत्र चिकित्सा, पंचकर्म चिकित्सा, अग्निकर्म चिकित्सा, जलोका चिकित्सा आदि का आमजन को फायदे हो सके। उन्होनें चिकित्सकों के पास दिखाने आए मरीजों से फीडबैक लिए और मरीजों ने चिकित्सकों की सराहना की। शहर के मध्य स्थित होने से इसमें जरावस्था एवं आंचल प्रसूता केंद्र भी खोले जा सकते हैं। इस दौरान प्रभारी डॉ. हरिशंकर मीणा, महेंद्र गोयल, डॉ. जितेंद्र सिंह हाड़ा, कम्पाउंडर शिवशंकर नागर, सुरेंद्र किराड़ आदि मौजूद रहे।