सर्दी की अपेक्षा गर्मी के इन दिनों में करीब 20 फीसदी तक पानी की मांग बढ़ गई है। इसे देखते हुए टेल क्षेत्र में टेंकरों से जलापूर्ति की जाएगी। टैंडर हो गए अब कार्यादेश जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। उत्पादन बढ़ाने के लिए अमृत योजना में मजरावता दह पर इनटेकवैल बनाया गया है। ब्रिज का काम पूरा होने के बाद इससे उत्पादन शुरू किया जाएगा।
प्रमोद झालानी, अधिशासी अभियंता, जलदाय विभाग
बारां. गर्मी का असर तेज होने के साथ ही पानी की मांग बढऩे लगी है। अब लगने लगा है जल ही जीवन है, लेकिन जलदाय विभाग की ओर से लोगों की आवश्यकता के मुताबिक पेयजल की आपूर्ति नहीं की जा रही है। कई इलाकों में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह हर वर्ष की समस्या है। लोग पानी-पानी चिल्लाते रहते है और जिम्मेदार कुछ जगह बंदोबस्त करते है और कुछ जगह आश्वासन देकर समय निकालते रहते है। बारिश शुरू होने के बाद मांग में कमी आती है तो मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है, लेकिन शहर में गर्मी के सीजन को देखते हुए पेयजल का उत्पादन बढ़ाने को लेकर कार्य योजना नहीं बनाई जा रही है। उत्पादन बढ़ाने के स्थायी संसाधन विकसित करने के स्थान पर पानी खरीदकर टैंकर से आपूर्ति करने की राह अपनाई जाती रही है। इस वर्ष भी कुछ दिनों में टैंकर चालू करने की तैयारी की जा रही है।
24 घंटे में पौन घंटे आता है पानी
जलदाय विभाग की ओर से यूं तो नियमित रूप से जलापूर्ति की जा रही है, लेकिन जितनी देर सर्दी के दिनों में जलापूर्ति की जाती थी, गर्मी के दिनों में भी उतना ही पानी दिया जा रहा है। वर्तमान में टंकियों से सुबह के समय चौबिस घंटे में 30 से 45 मिनट तक ही जलापूर्ति की जा रही है। इसमें भी बिजली ट्रिपिंग हो जाए तो फिर प्यास बुझाने लायक पानी का बंदोबस्त करने के भी लाले पड़ जाते है। जबकि शहर के आसपास तीन प्रमुख नदियां होने से 24 घंटे जलापूर्ति की व्यवस्था हो सकती है।
स्थायी राह बने तो दूर हो समस्या
विभागीय अधिकारी और जिला प्रशासन की ओर से इतना तो माना जाता है कि गर्मी में पानी की मांग बढ़ेगी। इसे देखते हुए गर्मी सीजन से पहले ही वैसे कार्य योजना तो बनाई जाती है, लेकिन टैंकरों से पानी पहुंचाने के लिए बनाई जाती है। इस पर लाखों का बजट खर्च किया जा रहा है। इस वर्ष भी भारी भरकम बजट का बंदोबस्त किया गया है। शहरी क्षेत्र में तो जल उत्पादन के स्थायी बंदोबस्त किए जाने की खास जरूरत है। ग्रामीण इलाकों में जरूर हैडपम्प से लोग पानी लेते हैं, तो वहां हैंडपम्प सूख जाते है ओर टैंकर से पानी पहुंचाना जरूरी है।