छबड़ा विधायक व पूर्व मंत्री प्रतापसिंह सिंघवी ने प्रदेश में प्रतिवर्ष 150-200 व्यक्तियों की मौत सर्पदंश के कारण होती है जिसमें अधिकतर किसान, खेतीहर मजदूर होते है, जिनकी मृत्यु के बाद उनके परिजनो को किसान मित्र के माध्यम से आवेदन कराना होता है, राजस्थान में सर्पदंश से हुई मौत के मुआवजा राशि प्राप्त करने की प्रक्रिया काफी लंबी है। मृतक के विसरा की जांच फॉरिंसिक लेब से आने में ही काफी समय लग जाता है जिसके बाद वैज्ञानिक बैठक की सरकारी प्रक्रिया काफी जटिल होती है कई बार तो ऐसे मामलो में सरकारी मदद पीड़ित परिवार को मिल ही नही पाती है।
विधायक सिंघवी ने सरकार से मांग की है कि जिस प्रकार उत्तर प्रदेश सरकार ने सर्पदंश से हुई मौत को आपदा की श्रेणी में रखकर पीड़ित परिवार को 7 दिन में आर्थिक सहायता की राशि दिलाने की योजना बनाई है, इसके लिए मृतक का पंचानामा और अंतिम संस्कार कराना होगा और वीजा रिपोर्ट की अनिवार्यता नही होगी। मृतक के परिवार को विसरा रिपोर्ट प्रिजर्व करने की जरूरत नही है। राजस्थान सरकार भी उत्तरप्रदेश सरकार की तरह सर्पदंश को आपदा की श्रैणी में रखकर प्रदेश के आमजन एवं गरीब किसान, खेतीहर मजदूर को 7 दिनो के अन्दर मुआवजा की राशि उपलब्ध कराने की योजना बनाकर राजस्थान में भी लागू करें, जिससे प्रदेश के आमजन, किसान, खेतीहर मजदूर की सर्पदंश से मृत्यु के बाद मुआवजा के लिए पीड़ित परिवार को सरकारी विभागो के चक्कर नही काटना पड़े।