लापरवाही गुगोर होकर मध्यप्रदेश गुना जोड़ने वाली सड़क का मामला, एक साल से पेचवर्क भी नहीं कराया, राहगीर हो रहे परेशान
छबड़ा-गुगोर 7.8 किमी सड़क गड्ढों में गुम
कस्बे से गुगोर होकर मध्यप्रदेश गुना जोड़ने वाली सड़क गड्ड़ों में बदल गई है। नाहरगढ़ गुना सहित क्षेत्र के गांवों के लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही के लिए मजबूर हैं। सड़क का नव निर्माण तो दूर ग का पेचवर्क नहीं किया जा रहा है।
छबड़ा से गुगोर धार्मिक और पर्यटन स्थल सहित
समीपवर्ती नाहरगढ़ और मध्यप्रदेश के गुना जिले को जोड़ती है। सड़क टूटकर गड्ढों में तब्दील हो गई है। कई जगह से सड़क पूरी तरह से गायब हो चुकी है। वाहन हिचकोले खाते हुए गुजरते हैं। इससे ग्रामीण, व्यापारी, किसान, विद्यार्थी, मरीजों का सफर जोखिम से भरा रहता है। प्रमुख मार्ग होने के बावजूद इसका नवनिर्माण नहीं किया जा रहा है। यहां तक सड़क पर आवाजाही सुगम करने के लिए पेचवर्क तक नहीं हो रहे हैं। कुछ समय पहले ही गुगोर के पास पार्वती नदी पर 18 करोड़ की लागत से हाईलेवल ब्रिज बनकर तैयार हो चुका है। गूगोर ब्रिज से छबड़ा तक 7.8 किमी में सड़क खराब होने से आमजन को परेशानी भुगतनी पड़ रही है। यह मार्ग राजस्थान को मध्यप्रदेश से जोड़ता है। कस्बे के छात्र-छात्रा इसी मार्ग से इंग्लिश माध्यमिक विद्यालय स्वामी विवेकानंद स्कूल में जाते जो कि स्कूल पहुंचने से पहले ही बहुत ज्यादा परेशान हो जाते हैं।
पर्यटक और श्रद्धालु हो रहे परेशान
गुगोर हर साल बसंत पंचमी पर 15 दिवसीय बीजासन माता का मेला लगाता है। यहां राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों के श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। गुगोर में ऐतिहासिक किला छतरियां, जलप्रपात आदि धार्मिक व पर्यटन स्थल हैं। सड़क खराब होने से पर्यटकों और श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है।
प्रसूताओं को अस्पताल लाना चुनौती गुगोर सहित आसपास की ग्राम पंचायतों से
गर्भवतियों को खराब सड़क से छबड़ा लाना चुनौती बना हुआ है। गूगौर मार्ग पर सड़क खत्म होने से धूल के गुबार उड़ रहे हैं। दुपहिया वाहन चालकों की आंख, नाक, चेहरा मिट्टी से सन जाता है। इससे दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है।
कई जगह सड़क से डामर गायब, वाहन निकालना पड़ रहा भारी
2012 में 2.70 करोड़ से बनी थी सड़क
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना भारत निर्माण के तहत साल 2010 में सड़क स्वीकृत हुई। 2.70 करोड़ से साल 2012 में 8 किमी सड़क का निर्माण हुआ। साल 2017 तक गारंटी पीरियड में रही। साल 2019-20 में 4 लाख, 2021-22 में 3.96 लाख और पिछले साल सिंह सिंघवी छीपाबड़ौद से छबड़ा होते सितंबर में 5.74 लाख से पेचवर्क किया। यानि एक हुए गुगोर मार्ग बनाने को लेकर साल से सड़क का पेचवर्क तक नहीं हुआ है।
नाहरगढ़, गुना का प्रमुख मार्ग
छबड़ा स्टेट हाइवे 51 से गुगोर तक क्षेत्र की मूंडला, कड़ेयावन, दिलोद व गुगोर को यह मार्ग जोड़ता है। इस मार्ग से कॉलेज विद्यार्थी, मरीज, किसान, व्यापारी आमजन पहुंचते हैं। वहीं गुगोर के बाद मध्यप्रदेश सीमा शुरू हो जाती है। इस मार्ग से फतेहगढ़ सहित गुना जाने में आसानी होती है। कस्बे के लोग नाहरगढ़ सहित किशनगंज, शाहाबाद जाने के लिए भी इसी मार्ग का उपयोग करते हैं। बारां होकर नाहरगढ़ 118 किमी है। जबकि गुगोर मार्ग से सिर्फ 54 किमी की दूरी है। मध्यप्रदेश के किसान भी अपना
माल बेचने इसी मार्ग से आते हैं
ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन अध्यक्ष किशन कालरा
ने बताया कि कस्बे में अ श्रेणी की मंडी होने से मध्यप्रदेश के किसान अपना माल बेचने आते हैं। मंडी में करीब 40 प्रतिशत माल सीजन में करीब 10 हजार क्विंटल सोयाबीन व 15 हजार क्विंटल मक्का की आवक मध्यप्रदेश से होती है। माल बेचने के बाद किसान पैसों से यहीं से डीजल, खाद, बीज, किराना, कपड़ा, जेवर, मकान निर्माण सामग्री ले जाते हैं। खराब सड़क के कारण किसानों की संख्या में कमी आई है।
सरपंच ने भी की शिकायत
गुगोर सरपंच राजेंद्र सिंह खारोल ने बताया कि इस सड़क को लेकर कई बार विभाग सहित विधायक को अवगत करवाया जा चुका है। विधायक प्रताप पीडब्ल्यूडी को पत्र लिख चुके हैं।
छीपाबड़ौद से छबड़ा होते हुए गुगोर मार्ग की लगभग 22.5 किमी लंबी सड़क के प्रस्ताव बनाकर भेज रखे हैं। सड़क की चौड़ाई 5.5 से 7 मीटर तक रहेगी। सड़क निर्माण के लिए 38 करोड़ के बजट की जरूरत है। स्वीकृति मिलते ही सड़क निर्माण करवाया जाएगा। -नरेंद्र चौधरी, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी छबड़ा