संघीय ढांचे को क्षति पहुंचाने वाली सोच अहितकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि संघीय ढांचे को नुकसान पहंुचाने वाली सोच देश के
लिए अहितकारी है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने से
चुनावों का महत्व समाप्त होता है तथा लोकतांत्रिक मूल्यों को ठेस पहुंचती
है। उन्होंने कहा कि राज्य को केन्द्र से मिलने वाले अनुदान में कटौती
हुई है। सभी प्रकार के व्यवधानों का सामना करते हुए हम आगे बढ़े हैं।
उन्हांेने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के अंतर्गत 53
बांधों को जोड़ने की घोषणा की गई है। केन्द्र सरकार को जल्दी से जल्दी
ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना चाहिए। जनकल्याणकारी
योजनाओं को रोकने से जनता का अहित होता है। रिफाइनरी के रूकने से इसके
खर्चे में अप्रत्याशित वृद्धि इसका एक उदाहरण है।
मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाएं-
– ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो समेत इंटरनेट आधारित कम्पनियों में काम करने
वाले गिग वर्कर्स जैसे डिलीवरी बॉय, कैब चालक आदि को राजस्थान सरकार के
साथ पंजीकरण करवाने पर हेलमेट, ड्रेस, शूज आदि रोजमर्रा के सामान खरीदने
के लिए 5000 रुपये की एकबारीय सहायता दी जाएगी।
– सभी बालिकाओं एवं महिलाओं को रोडवेज का मंथली पास बनवाने पर किराये में
90 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
– अलग-अलग विभागों में मंत्रालयिक कर्मचारियों के पदोन्नति, पदस्थापन,
स्थानांतरण सहित विभिन्न कार्यों को एक जगह से संचालित करने के लिए
मंत्रालयिक कर्मचारी निदेशालय बनाया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर के पुरस्कृत निबंधों की
संकलन पुस्तिका का विमोचन किया। कार्यक्रम में मिशन 2030 पर आधारित लघु
फिल्म का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री ने चिरंजीवी एंबुलेंस प्रोजेक्ट
के तहत 200 एंबुलेंस को प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए हरी झंडी
दिखाकर किया रवाना। इसमें 100 आपातकालीन एंबुलेंस-108 एवं 100 जननी
सुरक्षा एंबुलेंस-104 शामिल हैं। श्री गहलोत ने इस दौरान 15 हजार तृतीय
श्रेणी शिक्षकों तथा व्याख्याताओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। साथ ही,
उन्होंने विजन डॉक्यूमेंट से संबंधित निबंध एवं भाषण प्रतियोगिताओं में
विद्यालय स्तर पर विजेता विद्यार्थियों को लैपटॉप एवं महाविद्यालय स्तर
पर विजेता विद्यार्थियों को 1-1 लाख रुपए के पुरुस्कार प्रदान किए गए। इस
दौरान राजस्थान अनुकंपा नियुक्ति प्रबंधन प्रणाली एवं बिजनेस टू
गवर्नमेंट पोर्टल का शुभारंभ किया गया।
आयोजना मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने कहा कि 2030 तक प्रदेश के हर वर्ग व
हर क्षेत्र में राज्य की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए यह डॉक्यूमेंट
तैयार किया गया है। इसमें सुझाव देने वाले सभी 3 करोड़ से अधिक लोग बधाई
के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से सर्वश्रेष्ठ सुझाव छांटकर
राजस्थान के उज्जवल भविष्य का दस्तावेज बनाया गया है। शिक्षा मंत्री श्री
बीडी कल्ला ने कहा कि निबंध प्रतियोगिता में 9 लाख विद्यार्थियों ने भाग
लिया। इसमें से चार विजेता रहे। एक विजेता विद्यार्थी जिसके स्कूल में
भूगोल विषय नहीं था, के निवेदन पर मुख्यमंत्री ने वहां भूगोल संकाय खोलने
की अनुमति दी है।
मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि विजन डॉक्यूमेंट-2030 के लिए
3.33 करोड़ सुझावों को संकलित किया गया। ये डॉक्यूमेंट पूरे प्रदेश के
सपनों, अकांक्षाओं और अपेक्षाओं को शामिल करते हुऐ तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए सुझाव संकलित करने हेतु वेबसाइट लॉन्च की गई
तथा विभिन्न विभागों द्वारा समन्वय किया गया। विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा
इसमें व्यापक स्तर पर जनसहभागिता सुनिश्चित की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि
हर वर्ग और हर क्षेत्र में तरक्की की कार्य-योजना इसमें शामिल की गई है।
आज इस कार्यक्रम में हर क्षेत्र में राजस्थान का सम्पूर्ण विकास कर प्रथम
स्थान पर लाने का हमें संकल्प लेना चाहिए। प्रमुख शासन सचिव आयोजना श्री
भवानी सिंह देथा ने कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित
किया।
समारोह में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी, खाद्य एवं
नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री प्रताप सिंह खाचरियावास, अल्पसंख्यक मामलात
मंत्री श्री शाले मोहम्मद, कृषि विपणन राज्यमंत्री श्री मुरारी लाल मीणा,
श्रम राज्यमंत्री श्री सुखराम विश्नोई, शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती
जाहिदा खान, राजसिको चेयरमेन श्री राजीव अरोड़ा, विधायक श्री रफीक खान,
श्री अमीन कागजी, श्रीमती गंगा देवी तथा श्रीमती इंदिरा मीणा सहित अन्य
जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।