छबड़ा:धाकड़ समाज सेवा समिति के अध्यक्ष राम दयाल धाकड़ की अध्यक्षता में सामाजिक कुरीतियों के उत्थान के लिए “धाकड़” समाज जागो ओर जगाओ,युवा अभियान वार्ता की ओन लाइन प्रशिक्षण मीटिंग बुधवार को हुयीं सम्पन्न।ऑनलाइन मीटिंग के होस्ट शंकर लाल नागर के अनुसार,समाज सुधारक रामदयाल धाकड़ के सानिध्य में नये ईसवी सन 2025 में ब्लॉक छबड़ा के धाकड़ युवाओं के सामाजिक,सांस्कृतिक उत्थान हेतु हर ग्राम के युवाओं को एक मंच पर लाने और उनके दैहिक,दैविक,भौतिक छुपे ज्ञान को प्रकाश में लाने के लिए ब्लॉक प्रशिक्षण ग्रुफ में उन युवाओं को जोड़ा है जो स्मार्टफोन तो रखते है लेकिन उनके सकारात्मक उपयोग को नही समझते।युवाओं के अंदर छुपी प्रतिभाओं को प्रशिक्षण के माध्यम से बाहर लाने के लिए आगामी दैनिक,साप्ताहिक,मासिक वी.सी. के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षण देकर समु उन्नत बनाने के प्रयास किये जायेंगे।धाकड़ ने कहा कि आज भी हमारी अर्थ व्यवस्था कृषि पर आधारित है,कृषि आज भी मानसून का ही जुआं बनी हुयीं है।हम आज भी हमारी मेहनत की कमाई को शिक्षा पर खर्च नही कर,खर्चीली सगाई,शादी-विवाह,मृत्यु भोज,मनोतियो की पूर्णता पर,बड़े धार्मिक भोज आयोजित कर एक-दूसरे को देख अपव्यय करते आये है।आज भी कृषक समाजों की जमीन केसीसी के नाम बैंकों में गिरवे रखी है।आज के समय किसान केसीसी का उपयोग खेत मे कम,शादी,विवाह, मकान,महाजनों की दुकान के बिना मार्का के नकली,मिलावटी सोने-चांदी की बिना बिल की वस्तुएं खरीद कर कर्जवान बन रहा है।नकल में अकल नही लगा सार्वजनिक साधनों का इस्तेमाल नही कर खुद के आवागमन के लिए निजी सुविधा,टू ओर फॉर व्हीलर के साधनों ओर दिखावें में ज्यादा खर्च हो रहा है।कुछ किसान तो कर्ज लेकर मूल चुकाने की अपेक्षा उसका हर वर्ष ब्याज भरकर अभी भी कर्ज वान बने हुए है।पुरानी पीढ़ी की सोच को छोड़कर नई पीढ़ी किताबी ज्ञान में फंसकर घरेलू धंधों से नही जुड़ पा रही हैं,हर व्यक्ति आधी उम्र तक अनु उत्पादक बन नोकरी ढूंढता रहता है।आधुनिक ओर भौतिक साधनों के उपयोग से कुछ युवाओं के घर दुग्ध की जगह तनाव कम करने के लिए शराब की बोतलें आ रही है जिससे कभी-कभी पति-पत्नी में कलह होकर घर और पास पड़ोस का वातावरण भी बिगड़ जाता है,कुछ समाजों के युवाओं में तो आज भारतीय वेश-भूषा के स्थान पर नया ट्रेड जैसे फटे,जीन्स के कपड़े,कबूतरी,डिस,कटोरा बाल कटिंग के फैशन के साथ कुछ घरों के युवा गाय के स्थान पर,स्वयं ओर घर की सुरक्षा के लिए खतरनाक कुत्तों को पालने का चलन निकल पड़ा है,पड़ोस के आते-जाते लोगों को बड़े शहरों,कस्बों में खतरा उतपन्न हो गया है।चारित्रिक पतन से आदमी का आदमी पर से विश्वास खत्म हो रहा है।आधुनिक खेती में बढ़ते यंत्र ओर घटते मानवीय श्रम और अधिक उत्पादन की लालसा में रासायनिक खेती और अंधाधुंध कृषिगत फसलों में कृत्रिम साधनों के उपयोग से अन्न के पंच तत्व मेसे तीन तत्व जिनमें जल,भूमि ओर वायु,के प्रदूषित होने से धरती से जीव,जंतु नष्ट होकर अब तो जहर युक्त अन्न के सेवन से आम आदमी भी अब बीमारियों से ग्रषित हो रहा है।यदि अन्न दाता रूपी धाकड़ किसान के युवा पुत्र अब भी नही चेते तो वो दिन दूर नही जब कर्ज के नीचे दबकर किसान खुद की भूमि पर ही मजदूर बनकर रह जायेगा।होस्ट नागर के अनुसार अगली ऑनलाइन मीटिंग 17 जनवरी को रात्रि 7 से 8 बजे के बीच आयोजित होगी,सभी युवा अपने स्मार्टफोन से घर बैठे जुड़े ओर सामाजिक सुधारों के जन आंदोलन के लिंक से जुड़े ओर सामाजिक कुरीतियों के उत्थान के लिए “धाकड़” समाज के जागो ओर जगाओ,युवा अभियान से जुड़े ओर अन्य को जोड़कर अपने आचार ओर विचारों से अन्य युवा साथियों को लाभन्वित करें।।
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