बारां, 16 जनवरी। जिला कलक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर की अध्यक्षता में गुरुवार को अटल जनसेवा शिविर के तहत जिला स्तरीय जनसुनवाई एवं सतर्कता समिति की बैठक आयोजित की गई। जनसुनवाई में उन्होंने आमजन की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनके समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। जनसुनवाई में 24 से अधिक लोगों ने अपनी शिकायतें एवं समस्याएँ प्रस्तुत कीं, जिनमें सात राजस्व, चार नगरपरिषद व स्वायत्त शासन विभाग, तीन पंचायती राज, एक बैंक से संबंधित, दो पुलिस विभाग, दो विद्युत विभाग एवं एक रोड़वेज सहित पेंशन, राशन, बिजली, पानी और अन्य सरकारी योजनाओं से जुड़े मामले शामिल थे।
कलक्टर तोमर ने कई समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण किया और शेष मामलों पर जल्द से जल्द कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनता की शिकायतों का समयबद्ध और प्रभावी समाधान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन का मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण करना है, जिससे आमजन को राहत मिल सके।
जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जनसुनवाई से पहले सतर्कता समिति की बैठक हुई। जिसमें चार परिवादों को दर्ज करने का निर्णय लिया गया। वहीं लंबित प्रकरणों पर चर्चा की गई। इन प्रकरणों में अगली बैठक से पूर्व कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि पूर्व बैठकों में दिए गए निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जाए। इस दौरान विभिन्न उपखण्ड क्षेत्रों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अधिकारी जुड़े। जिला मुख्यालय से अतिरिक्त जिला कलक्टर दिवांशु शर्मा, पुलिस अधीक्षक राजकुमार चौधरी, जिला परिषद सीईओ राजवीर चौधरी, एसडीएम अभिमन्यु कुन्तल, सीएमएचओ सम्पतराज नागर, एसई डीआर क्षेत्रीय, संयुक्त निदेशक अतीश कुमार शर्मा, सहायक निदेशक अमल चौधरी सहित अन्य मौजूद रहे।
–00–
स्वामित्व योजना के लाभार्थियों से प्रधानमंत्री करेंगे वर्चुअल संवाद
बारां, 16 जनवरी। जिला कलक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर ने बताया कि 18 जनवरी 2025 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वामित्व योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों से वर्चुअल संवाद किया जाएगा। कार्यक्रम प्रातः 10 बजे से जिला परिषद भवन प्रथम तल पर आयोजित किया जाएगा। वहीं प्रधानमंत्री दोपहर 12ः30 बजे से वर्चुअल माध्यम से संबोधन करेंगे।
उन्होंने बताया कि जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजवीर सिंह चौधरी को कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सम्पूर्ण प्रभारी व जिला परिषद अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरीशचन्द मीणा को सहायक प्रभारी नियुक्त किया जाता है तथा विभागीय अधिकारियों को कार्य व्यवस्था हेतु प्रभारी लगाया जाता है।
–00–
मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना : राजस्थान के युवाओं के लिए सुनहरे अवसर
बारां, 16 जनवरी। राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) द्वारा संचालित मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना राज्य के युवाओं के भविष्य को संवारने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल साबित हो रही है। यह योजना न केवल युवाओं को रोजगार के योग्य बना रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर भी अग्रसर कर रही है।
आरएसएलडीसी के नेतृत्व में इस योजना के तहत राजस्थान के कोने कोने में कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जहां युवाओं को उभरते हुए औद्योगिक क्षेत्रों के अनुरूप आधुनिक और प्रासंगिक कौशलों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह योजना राज्य के युवा वर्ग के लिए रोजगार के बेहतर अवसर खोलने में मील का पत्थर साबित हो रही है।
आवेदनों की स्थिति:- मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तीन प्रमुख कार्यक्रमों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है:-
राजक्विक के तहत 223 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 123 एजेंसियों को एम्पैनल्ड किया गया है, और योजना का लक्ष्य 30,000 युवाओं को प्रशिक्षित करना है।
सक्षम के लिए 92 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 62 एजेंसियों को एम्पैनल्ड किया गया है। इसका उद्देश्य 12,000 युवाओं को प्रशिक्षित करना है।
समर्थ में 241 आवेदन प्राप्त हुए हैं, और 159 एजेंसियों को एम्पैनल्ड किया गया है। इसके तहत 8.000 युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।
एजेंसियों के लिए उच्च मानदंड : आरएसएलडीसी द्वारा इस योजना में भाग लेने वाली एजेंसियों के लिए उच्च मानदंड निर्धारित किए गए हैं। एजेंसियों के औसत वार्षिक टर्नओवर और सक्रिय कौशल विकास केंद्रों की संख्या में वृद्धि की गई है। साथ ही. ग्रीन जॉब्स (पर्यावरण संबंधित नौकरियां). फ्यूचर स्किल्स (भविष्य के कौशल), टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी (पर्यटन और आतिथ्य), हैंडीक्राफ्ट्स (हस्तशिल्प), और फूड प्रोसेसिंग (खाद्य प्रसंस्करण) जैसे उभरते क्षेत्रों के पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता दी जा रही है। यह सुनिश्चित किया गया है कि केवल वही एजेंसियां आवेदन करें, जो इन क्षेत्रों में गहन अनुभव रखती हों और उच्च गुणवत्ता वाली ट्रेनिंग प्रदान कर सकें।
मॉनिटरिंग की पुख्ता व्यवस्था : इस योजना के तहत प्रत्येक प्रशिक्षण केंद्र की मॉनिटरिंग आईपी कैमरों के माध्यम से की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी केंद्रों में गुणवत्ता वाली शिक्षा और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों। यह मॉनिटरिंग सिस्टम आरएसएलडीसी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि हर एक युवा को बेहतरीन प्रशिक्षण मिले और वे अपनी क्षमताओं का पूर्ण विकास कर सकें।
युवाओं के लिए योजना के लाभ : मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना से प्रदेश के हजारों युवाओं को रोजगार और आजीविका के नए अवसर मिलेंगे। इस योजना के जरिए न केवल युवाओं को उन्नत कौशल प्रदान किए जाएंगे, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी हर संभव प्रयास किया जाएगा। इस योजना की सफलता से राजस्थान न केवल राष्ट्रीय स्तर पर कौशल विकास के क्षेत्र में अग्रणी बनेगा, बल्कि राज्य के युवाओं को अपने सपनों को साकार करने का अद्वितीय मौका भी मिलेगा।
राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के इस साहसिक कदम से यह साबित हो रहा है कि राज्य का भविष्य युवाओं के मजबूत हाथों में है और यह योजना उन्हें नए आयाम प्रदान कर रही है।