छीपाबड़ौद – विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा संचालित आदर्श विद्या मंदिर केलखेड़ी, छीपाबड़ौद मे विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती के अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में 21 कुंडीय महायज्ञ में वैदिक मंत्रोचार के साथ 151 भैया बहिनों का पाठी पूजन एवं विद्यारंभ संस्कार संपन्न हुआ। प्रधानाचार्य हरि सिंह गोचर व कार्यक्रम प्रभारी पुरुषोत्तम चक्रधारी ने जानकारी देते हुए बताया कि सरस्वती जयंती के अवसर पर विशाल धार्मिक ग्रंथो की शोभायात्रा व कलश यात्रा महावीर मंडल आश्रम, हनुमान मंदिर सालपुरा रोड, से ढोलम तिराहा होते हुए विद्यालय भवन स्थित कार्यक्रम स्थल पहुंची। इस दौरान समस्त अभिभावक एवं समाज बंधु झूमते एवं नृत्य करते हुए आनंदमय मुद्रा में नजर आए। जिसका नगरवासियों द्वारा जगह-जगह पुष्पवर्षा एवं रंगोलियाँ बनाकर भव्य स्वागत किया गया। तत्पश्चात 21 कुंडीय महायज्ञ में 101 जोड़ों के साथ 151 भैया – बहिनों का वैदिक मंत्रोचार के साथ विद्यारंभ संस्कार संपन्न हुआ।ग्रामाचार्य अरविंद शर्मा एवं आचार्य दीपक शर्मा ने विद्यारंभ संस्कार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वैदिक धर्म में 16 संस्कारों का विधान है, जिसमें नवाँ एवं प्रमुख संस्कार विद्यारंभ संस्कार है।जिसे बालक के पाठशाला में प्रथम प्रवेश के समय वैदिक मंत्रोचार के साथ पाठी पूजन कर उसमें प्रथम अक्षर ॐ लिखवाकर किया जाता है।इसके माध्यम से बच्चों में अध्ययन का उत्साह, जिज्ञासा एवं लगन पैदा की जाती है, वहीं अभिभावकों और शिक्षकों को भी उसके उनके दायित्व के प्रति जागरूक किया जाता है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में आशा कुशवाह, कृष्णा नागर, धनराज गुर्जर,धीरज नामा, योगेश नागर,सोनिका चक्रधारी,कविता चक्रधारी, सोनम यादव यादव यादव सहित समस्त आचार्य दीदियों का भरपूर सहयोग रहा। कार्यक्रम में जिला सचिव राजेन्द्र शर्मा, कोषाध्यक्ष शरद मित्तल, उपाध्यक्ष पंकज शुक्ला, सह सचिव हरिश गुप्ता, सह कोषाध्यक्ष बालकिशन बंसल विशेष अतिथि के रूप में रहें।