मोतीपुरा थर्मल पावर प्लांट के मजदूरों की जायज मांगों को लेकर 3 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे छबड़ा थर्मल ठेका कर्मचारी मजदूर संघ के अध्यक्ष जगदीश अहीर भोजपुर एवं भरपूर सिंह लोधा की तबियत ज्यादा बिगड़ जाने पर छबड़ा चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया। आज चिकित्सालय पहुंच कर उनके हाल जाने।
यह बहुत गंभीर स्थिति है। 3 दिन से मजदूर भूख हड़ताल पर हैं और छबड़ा मोतीपुरा थर्मल प्रशासन अथवा अन्य जिम्मेदार उनकी समस्याओं की अनदेखी कर रहे है, तो इसका मतलब है कि उनकी शिकायतों को पर्याप्त महत्व नहीं दिया जा रहा।
इस तरह की घटनाएं अक्सर तब होती हैं जब मजदूरों की मांगे (जैसे वेतन वृद्धि, काम की स्थितियों में सुधार, अनुबंध की सुरक्षा आदि) लंबे समय तक अनसुनी रह जाती हैं।
प्रशासन और मजदूरों के बीच संवाद का अभाव होता है।
निम्नलिखित जायज मांगों को लेकर थर्मल के मजदूर भूख हड़ताल पर है।
1.हर माह की 7 तारीख तक सभी मजदूरों की सैलेरी मिलना सुनिश्चित हो।
2.जिन साइट्स का 2023 में 26 रुपए बढ़ाए गए थे उनका एरियर सभी साइट्स का डले
3.जो दिवाली पर बोनस मिलता है व सेलरी का न्यूनतम बोनस 8.33 प्रतिशत और अधिकतम 20 प्रतिशत मिले
4.प्रत्येक टेंडर में मजदूरों की सैलेरी में बढ़ोतरी होवे,तथा हेल्पर से हेल्पर की रेट 500+ होवे।
5.बिना कारण किसी मजदूर को नहीं हटाया जाए,हटाने से 2 महीने पहले अवगत करवाया जाए,जिन मजदूरों को हटाया गया है उन्हें पुनः लगाया जाए।
6.पीने के पानी की व्यवस्था की जाए,
7. क्षेत्र के युवाओं को रोजगार दिया जाए जो परिवार प्लांट की वजह से प्रभावित हुए हैं।
8. यूनिवर्सल कंपनी में टेक्नीशियन का वेतन कम किया गया है वो वापस बढ़ाया जाए।
थर्मल प्रशासन मजदूरों के आंदोलन को और उनकी मांगों को अनदेखा ना करें,
“प्रशासन चेत जाए! अभी तो चिंगारी भड़की है, अगर मांगें अनदेखी रहीं तो आग बन जाएगी।
मजदूरों की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता।
थर्मल प्रशासन बार-बार मांगों को अनदेखा कर रहा है।
अब भूख हड़ताल पर बैठे मजदूरों का सब्र टूट रहा है।
प्रशासन सुन ले — अभी तो चिंगारी है, अगर आवाज़ न सुनी गई तो यह आंदोलन लपट बन जाएगी।
मजदूरों की जायज मांगों को लेकर भी थर्मल प्रशासन उदासीन नजर आ रहा है,जो ठीक नहीं है।
*अशोक गौड़ सेमला_छबड़ा*
पूर्व मण्डल अध्यक्ष भाजपा