छबडा विधायक व पूर्व मंत्री प्रतापसिंह सिंघवी ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर बताया कि पूरे बारां जिले मे स्थित बैंको द्वारा ऋण वसूली के संबंध मे सैकडो किसानो की भूमि का रोडा एक्ट के अन्तर्गत कार्यवाही करने हेतु उपखण्ड अधिकारी छबडा के पास केस दर्ज कराये गये है। उपखण्ड अधिकारी कार्यालय द्वारा कुर्की की कार्यवाही मे बहुत अधिक समय लगता है। इस दौरान बैंको द्वारा समय समय पर अपने ऋण की वसूली हेतु किसानो से समझौता करके ऋण वसूल कर लिया जाता है। जब बैंक किसी प्रकार का समझौता करती है तो बैंक का यह उत्तरदायित्व बनता है कि किसानो के खिलाफ की गई कार्यवाही को वही वापस करवाये और किसानो की भूमि को उपखण्ड अधिकारी कार्यालय से ऋण मुक्त कराये परन्तु बैंक अधिकारीयो द्वारा इसके बदले किसानो से 3 से 5 प्रतिशत राशी की मांग की जाती है जो गलत है और इससे भ्रष्टाचार की बू आती है। जबकि जिस संस्था ने किसी किसान की सम्पत्ति को अधिग्रहण किया है और उस किसान से अपनी राशी का समझौता किया है तो उस संस्था द्वारा ऋणी से सभी प्रकार के खर्चे भी समझोता राशी मे जोडकर लिये जाते है फिर किसानो से रोडा एक्ट के तहत 3 से 5 प्रतिशत की राशी बैंक अधिकारी द्वारा क्यों मांगी जाती है। बैंक का मौलिक अधिकार बनता है कि समझोते के बाद किसान की भूमि का ऋण मुक्त प्रमाण पत्र बनवाकर दे। परन्तु इसके स्थान पर गरीब किसानो को अपनी भूमि को ऋण मुक्त कराने के लिये बैंक अधिकारी, उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, एवं पटवारी के कार्यालयो के चक्कर लगाने को मजबूर होना पडता है। विभागो द्वारा फिर भी किसानो को कोई संतोषप्रद जवाब नही दिया जाता है। इस संबंध मे तहसील छबडा के ग्राम तुर्कीपाडा निवासी नारायण पुत्र सालगा मीणा, जमनालाल पुत्र जगन्नाथ मीणा, गंगाराम पुत्र भारमल मीणा, कजोड पुत्र रतन मीणा के परिजनो एवं क्षैत्र के अन्य कई किसानो ने मुझे आवेदन देकर अवगत कराया कि इनके द्वारा स्टेट बैंक आॅफ इण्डिया कृषि शाखा से ऋण लिया गया था जिसको समझोते अनुसार जमा करा दिया परन्तु बैंक द्वारा आज तक रोडा के अन्तर्गत की गई कार्यवाही नही हटाई जा रही है।
विधायक सिंघवी ने मांग की है कि जिन किसानो ने बैंक मे ऋण जमा करा दिया उनकी भूमि से रोडा एक्ट की कार्यवाही को अतिशीघ्र निरस्त किया जावे एवं उनकी जमीनो को ऋण मुक्त किया जावें।